उत्तरकाशी, उत्तराखंड में शुक्रवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.0 मापी गई। भूकंप का केंद्र सिंगतुर वन क्षेत्र में था, लेकिन किसी प्रकार की जनहानि या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। शुक्रवार सुबह उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.0 मापी गई, जो कि हल्की श्रेणी का भूकंप होता है। यह झटके सुबह 11:56 बजे महसूस किए गए, और इसका केंद्र उत्तरकाशी-हिमाचल बॉर्डर के पास स्थित सिंगतुर वन क्षेत्र में था।
हालांकि, इस भूकंप से किसी प्रकार की जनहानि या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। स्थानीय प्रशासन ने भी जानकारी दी है कि तहसील, थाना और चौकियों द्वारा जनपद में किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं आई है। भूकंप के झटके सिर्फ मोरी क्षेत्र में महसूस किए गए थे, और अन्य स्थानों पर इसका प्रभाव देखने को नहीं मिला।
विशेषज्ञों का कहना है कि 3.0 तीव्रता का भूकंप अक्सर बड़ी तबाही का कारण नहीं बनता, लेकिन यह एक संकेत है कि क्षेत्र में भूगर्भीय गतिविधियाँ सक्रिय हैं। उत्तराखंड राज्य, विशेषकर उत्तरकाशी और आसपास के इलाके, भूकंप संभावित क्षेत्रों में आते हैं, इसलिए यहां समय-समय पर हल्के या मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन दल इस तरह की घटनाओं के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
भूकंप आने पर सतर्कता बरतना और सुरक्षा उपाय अपनाना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी जाती है कि भूकंप के समय घबराने की बजाय, खुले स्थानों की ओर जाना चाहिए और अगर घर के अंदर हैं तो मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपकर अपने सिर की सुरक्षा करनी चाहिए। भूकंप के बाद के झटकों से बचने के लिए भी सतर्क रहना जरूरी है।
उत्तराखंड राज्य के लोग, विशेषकर उत्तरकाशी क्षेत्र के निवासियों के लिए राहत की बात यह है कि इस बार कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन भविष्य में किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना आवश्यक है। राज्य आपदा प्रबंधन दल को भी सतर्क किया गया है ताकि यदि भविष्य में कोई और भूकंप आए, तो तुरंत कार्रवाई की जा सके।
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