उत्तराखंड के बागेश्वर में एक दुर्लभ घटना के तहत ऊंचाई वाले क्षेत्र में मोर देखा गया है। सामान्यतः निचले इलाकों में पाए जाने वाले इस पक्षी का यहां होना पर्यावरणीय बदलावों का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञ इस घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं और जलवायु परिवर्तन को संभावित कारण माना जा रहा है। जानें इस घटना का महत्व और इसके पर्यावरणीय प्रभाव।
हाल ही में उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के काफलिगैर गांव में, जो लगभग 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, मोर देखा गया। आमतौर पर यह पक्षी निचले इलाकों और गर्म क्षेत्रों में ही पाया जाता है, लेकिन इतनी ऊंचाई पर इसकी उपस्थिति वन्यजीव विशेषज्ञों को हैरान कर रही है।
स्थानीय लोगों ने सबसे पहले दो महीने पहले इस मोर को देखा और इसकी जानकारी वन विभाग को दी। इसके बाद वन विभाग ने इस क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाए ताकि मोर की गतिविधियों और यहां आने के कारणों का पता लगाया जा सके। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस असामान्य घटना के पीछे जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय बदलाव हो सकते हैं, जिसके कारण यह पक्षी इतनी ऊंचाई तक पहुंचा है।

वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक बी एस अधिकारी ने कहा कि मोर का इतनी ऊंचाई पर दिखना एक अनोखी और असामान्य घटना है, जो संभावित रूप से जलवायु या पर्यावरणीय बदलावों का संकेत हो सकती है। इस घटना पर विस्तृत जांच की जा रही है ताकि यह समझा जा सके कि क्या यह एक अलग घटना है या व्यापक पर्यावरणीय बदलावों का हिस्सा है।
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि बदलते मौसम के कारण जानवर अपने पारंपरिक निवास स्थानों को छोड़कर नए क्षेत्रों में जाने लगे हैं। यह संभव है कि मोर भोजन या पानी की तलाश में इस ऊंचाई तक पहुंचा हो। यह घटना बताती है कि जलवायु परिवर्तन वन्यजीवों के व्यवहार को कैसे प्रभावित कर रहा है और यह वन्यजीवों और पर्यावरण के लिए एक बड़ा संकेत हो सकता है।
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