उत्तराखंड में किसानों ने स्मार्ट बिजली मीटर के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने रुड़की डीजीएम कार्यालय पर पहुंचकर भारी विरोध प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि स्मार्ट मीटर योजना को तुरंत रद्द किया जाए। अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो किसान उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।
मुख्य बिंदु
Toggleउत्तराखंड में स्मार्ट बिजली मीटर का किसानों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। इस विरोध के तहत भारतीय किसान यूनियन टिकैत के सैकड़ों कार्यकर्ता रुड़की के डीजीएम कार्यालय पर इकट्ठा हुए और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों की मुख्य मांग है कि स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की योजना को तुरंत रोका जाए, क्योंकि यह उनके हितों के खिलाफ है।
स्मार्ट मीटर के खिलाफ किसानों का आक्रोश
स्मार्ट बिजली मीटर को लेकर किसानों में भारी असंतोष है। उनका मानना है कि यह मीटर किसानों पर आर्थिक भार डाल रहा है और उनकी समस्याओं को बढ़ा रहा है। इसी आक्रोश के चलते आज किसानों ने रुड़की डीजीएम कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है, जिससे उनके सब्र का बांध टूटता जा रहा है।
अनिश्चितकालीन धरना: किसान आंदोलन की शुरुआत
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिला अध्यक्ष विजय शास्त्री ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक यह धरना अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर कोई विभाग का कर्मचारी स्मार्ट मीटर लगाने के लिए गांव में आता है, तो उसका कड़ा विरोध किया जाएगा।
किसानों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी ग्रामीण या किसान ने किसी विभागीय कर्मी को बंधक बना लिया, तो इसके लिए विभाग खुद जिम्मेदार होगा।
सीपीयू पुलिस के खिलाफ भी विरोध
किसानों की दूसरी प्रमुख मांग सीपीयू पुलिस के खिलाफ है। उनका आरोप है कि सीपीयू पुलिस किसानों पर भारी भरकम चालान लगा रही है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है। किसानों ने बताया कि उनके ऊपर 10,000 रुपये से अधिक के चालान काटे जा रहे हैं, जो किसी भी स्थिति में सहन नहीं किए जाएंगे।
आंदोलन के उग्र होने की चेतावनी
किसानों ने यह भी कहा कि अगर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया और स्मार्ट मीटर योजना को तुरंत रद्द नहीं किया गया, तो वे पुलिस कार्यालयों के बाहर भी प्रदर्शन करेंगे और आंदोलन को और अधिक उग्र करेंगे। उनका कहना है कि सरकार के इस रवैये के खिलाफ वे हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार हैं।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के नेतृत्व में यह धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक किसानों की सभी मांगों को पूरी तरह से मान नहीं लिया जाता।
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