उत्तराखंड स्थापना दिवस के 25वें वर्ष पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यवासियों और पर्यटकों के लिए एक वीडियो संदेश में 9 महत्वपूर्ण आग्रह किए। उन्होंने उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने पर जोर दिया, और विकास की दिशा में उठाए गए नए कदमों का जिक्र किया।
उत्तराखंड की स्थापना के 25वें वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष संदेश के जरिए राज्य के लोगों और पर्यटकों को बधाई दी। पीएम मोदी ने इस अवसर पर उत्तराखंड वासियों और पर्यटकों से 9 महत्वपूर्ण आग्रह किए, जिनका उद्देश्य राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करना है।
पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में विकास का एक नया अध्याय शुरू हो चुका है, और आने वाले 25 वर्षों में यह प्रदेश प्रगति के नए आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने बाबा केदारनाथ के चरणों में उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए इसे “उत्तराखंड का दशक” घोषित किया। उत्तराखंड की सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने के लिए, राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू किया गया, जिसे पीएम मोदी ने “सेकुलर सिविल कोड” कहा।
उन्होंने उत्तराखंड के लोगों को उनकी स्थानीय भाषाओं—गढ़वाली, कुमाऊंनी, और जौनसारी—को संरक्षित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि स्थानीय बोलियाँ राज्य की सांस्कृतिक पहचान हैं और उन्हें नई पीढ़ियों तक पहुंचाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, पर्यावरण सुरक्षा के लिए “एक पेड़ माँ नंदा के नाम” पहल को आगे बढ़ाने का भी आग्रह किया गया।
पानी के महत्व को समझाते हुए उन्होंने धारों और नालों के संरक्षण पर जोर दिया और लोगों को अपने गांवों और परंपराओं से जुड़े रहने की अपील की। पीएम ने विशेष रूप से पुराने घरों को होम स्टे में तब्दील कर स्थानीय आय के साधन के रूप में उपयोग करने का सुझाव दिया।
पर्यटकों के लिए, प्रधानमंत्री ने स्वच्छता, स्थानीय उत्पादों के उपयोग, ट्रैफिक नियमों का पालन और धार्मिक स्थलों की मर्यादा का आदर करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की यात्रा करते समय इन बातों का ध्यान रखने से न केवल पर्यावरण का संरक्षण होगा, बल्कि यह राज्य की आर्थिक प्रगति में भी योगदान देगा।
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