उत्तराखंड स्थापना दिवस: राज्य की गौरवशाली यात्रा का परिचय

उत्तराखंड स्थापना दिवस हर साल 9 नवंबर को उस ऐतिहासिक दिन के रूप में मनाया जाता है जब 2000 में उत्तराखंड भारतीय गणराज्य का एक राज्य बना। यह दिन राज्य की संस्कृति, परंपराओं और विकास यात्रा के प्रति सम्मान का प्रतीक है। इस अवसर पर राज्य के लोग विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर अपनी गौरवशाली धरोहर का उत्सव मनाते हैं।

Uttarakhand Foundation Day Explained

हर साल 9 नवंबर को, उत्तराखंड में “उत्तराखंड स्थापना दिवस” बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह वह दिन है जब 2000 में उत्तराखंड को भारत का 27वाँ राज्य बनाया गया था। उत्तराखंड की खूबसूरती, संस्कृति और परंपराएँ इसे खास बनाती हैं, और इस दिन को मनाने से राज्य के लोग अपनी धरती और संस्कृति पर गर्व महसूस करते हैं।

उत्तराखंड की खास पहचान और रोचक बातें

उत्तराखंड को “देवभूमि” यानी देवताओं की धरती कहा जाता है, और यहाँ कई मशहूर पवित्र जगहें हैं। आइए कुछ मजेदार और खास बातें जानें:

  • चार धाम यात्रा: उत्तराखंड में चार धाम (केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) स्थित हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु इन जगहों पर दर्शन करने आते हैं।
  • पर्वतीय सौंदर्य: उत्तराखंड में हिमालय की बर्फीली चोटियाँ, हरियाली से भरे जंगल और सुंदर नदियाँ हैं, जो इसे एक खास पर्यटन स्थल बनाती हैं।
  • जानवरों की खास दुनिया: यहाँ जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क है, जो भारत का सबसे पुराना नेशनल पार्क है। यह जगह बाघों के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ तरह-तरह के जानवर देखने को मिलते हैं, जैसे बाघ, हाथी, और रंग-बिरंगे पक्षी।

उत्तराखंड का निर्माण: संघर्ष और संकल्प

उत्तराखंड पहले उत्तर प्रदेश का हिस्सा था। लेकिन यहाँ के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोग महसूस करते थे कि उनके पास अपनी समस्याओं का हल ढूँढने के लिए एक अलग राज्य होना चाहिए।

  • लंबा संघर्ष: साल 1994 से इस माँग को लेकर आवाजें उठाई जाने लगीं। अलग राज्य की माँग के लिए कई लोगों ने रैलियाँ निकालीं और आंदोलन किए। कई बहादुर लोगों ने इस संघर्ष में अपनी जान भी दी।
  • अलग राज्य का दर्जा: आखिरकार, 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड का गठन हुआ और इसे भारत का 27वाँ राज्य बनाया गया।

स्थापना दिवस का जश्न कैसे मनाया जाता है?

स्थापना दिवस पर उत्तराखंड में जगह-जगह खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह दिन बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए बेहद खास होता है।

  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: लोग पारंपरिक नृत्य, जैसे झोड़ा, छपेली और चांचरी करते हैं। यहाँ का संगीत और नृत्य उत्तराखंड की परंपराओं को जीवंत बनाए रखता है।
  • परेड और झांकियाँ: राज्य में परेड होती है, जिसमें राज्य की संस्कृति और परंपराओं को दिखाया जाता है। रंग-बिरंगी झाँकियों में उत्तराखंड के खास रीति-रिवाज और रहन-सहन को प्रदर्शित किया जाता है।
  • पुरस्कार वितरण: राज्य के विकास में योगदान देने वाले लोगों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है। इससे लोग अपने राज्य के प्रति गर्व महसूस करते हैं।
  • खास उत्तराखंडी व्यंजन: इस दिन उत्तराखंड के स्वादिष्ट पारंपरिक भोजन का आयोजन भी होता है, जैसे आलू के गुटके, मंडुए की रोटी और भट के डुबके। ये व्यंजन राज्य के खानपान की खासियत हैं।

उत्तराखंड का विकास: खासियतें और उपलब्धियाँ

उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद से राज्य ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है।

  • पर्यटन: उत्तराखंड में औली जैसी जगहें हैं, जहाँ लोग स्नोबोर्डिंग और स्कीइंग के लिए आते हैं। यह जगह इतनी लोकप्रिय है कि इसे “भारत का स्विट्ज़रलैंड” कहा जाता है! हर साल लगभग 4 करोड़ से अधिक पर्यटक यहाँ घूमने आते हैं।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य: राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के लिए कई नए स्कूल, कॉलेज, और अस्पताल बनाए गए हैं। यहाँ IIT रुड़की और IIM काशीपुर जैसे बड़े संस्थान भी हैं, जो देशभर में प्रसिद्ध हैं।
  • पर्यावरण सुरक्षा: उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण का खास ध्यान रखा जाता है। यहाँ के लोग अपने पेड़-पौधों और जंगलों से बहुत प्यार करते हैं। “चिपको आंदोलन” की शुरुआत यहीं से हुई थी, जिसमें लोगों ने पेड़ काटने से बचाने के लिए पेड़ों से चिपककर विरोध किया था। यह आंदोलन पर्यावरण की रक्षा का एक शानदार उदाहरण है।

जानें, क्यों है उत्तराखंड इतना खास

उत्तराखंड न केवल अपनी संस्कृति और परंपराओं के लिए बल्कि अपने प्राकृतिक खजानों, हिमालय की चोटियों, और धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है। यह जगह पूरे भारत के लोगों के लिए गर्व का कारण है। उत्तराखंड स्थापना दिवस हमें यह याद दिलाता है कि कैसे राज्य के लोगों ने एकजुट होकर अपने सपनों का राज्य बनाया और आज भी अपने मेहनत और परंपराओं के जरिए इसे संवार रहे हैं।

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