उत्तराखंड में साइबर अपराधी रोजाना 46 लाख रुपये ठग रहे हैं। 1930 साइबर हेल्पलाइन के जरिए दर्ज शिकायतों से ठगी का खुलासा हुआ है। जानें कैसे आप अपनी मेहनत की कमाई बचा सकते हैं और साइबर अपराधियों से सुरक्षित रह सकते हैं।
मुख्य बिंदु
Toggleउत्तराखंड में साइबर अपराधी रोजाना लोगों से 46 लाख रुपये ठग रहे हैं। इस पैसे की ठगी साइबर हेल्पलाइन 1930 के जरिए दर्ज शिकायतों से पता चलती है। 1930 हेल्पलाइन की शुरुआत इसलिए की गई थी ताकि लोग जल्दी से अपनी शिकायत कर सकें और ठगी से बच सकें। लेकिन फिर भी बहुत से लोग हर दिन ठगी का शिकार हो रहे हैं।
साइबर ठगी कैसे होती है?
अधिकतर ठगी डिजिटल गिरफ्तारी और निवेश धोखाधड़ी के जरिए हो रही है। जैसे कि अगर किसी को निवेश का लालच दिया जाए या उन्हें डराकर पैसे मांगे जाएं। एक व्यक्ति तो 7 करोड़ रुपये तक गवां बैठा। इसी तरह से, उत्तराखंड में बहुत से लोग अपनी मेहनत की कमाई खो रहे हैं।
देशभर में क्या हो रहा है?
सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश में साइबर ठगी बहुत बढ़ रही है। साल 2024 की शुरुआत में ही भारत में 1,750 करोड़ रुपये की ठगी हो चुकी है। रोजाना करीब 7,000 शिकायतें दर्ज हो रही हैं। इनमें से ज्यादातर ठगी ऑनलाइन निवेश, गेमिंग ऐप्स, या ओटीपी धोखाधड़ी से हो रही है।
कैसे बचा जा सकता है?
साइबर पुलिस ने 24 करोड़ रुपये तक की ठगी को बचाने में मदद की है। अगर आपको ठगी का शक हो तो तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत करें। जितना जल्दी आप शिकायत करेंगे, उतनी जल्दी पुलिस आपकी मदद कर सकेगी। इसके अलावा, साइबर पुलिस जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चला रही है ताकि लोग इन खतरों से बच सकें।
मुख्य बातें:
- हर दिन ठगी: उत्तराखंड में हर दिन 46 लाख रुपये की साइबर ठगी हो रही है।
- देशभर में नुकसान: पूरे देश में 2024 के पहले चार महीनों में 1,750 करोड़ रुपये की ठगी हुई।
- शिकायतें: उत्तराखंड में 19005 लोग 2024 में साइबर हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं।
- साइबर पुलिस की मदद: 24 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि साइबर पुलिस ने बचाई है।
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