उत्तराखंड के बेनोग वन्यजीव अभयारण्य में आयोजित 8वें पक्षी महोत्सव के दौरान 95 पक्षी और 22 तितली प्रजातियाँ देखी गईं। इस तीन दिवसीय महोत्सव में विशेषज्ञों, छात्रों और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। पक्षी प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह आयोजन एक शानदार अवसर था।
उत्तराखंड के मसूरी के पास स्थित बेनोग वन्यजीव अभयारण्य में तीन दिन का पक्षी महोत्सव आयोजित किया गया, जिसमें 95 तरह के पक्षी और 22 तरह की तितलियाँ देखी गईं। यह महोत्सव 18 से 20 अक्टूबर तक चला और इसमें दुर्लभ पक्षी प्रजातियाँ जैसे येलो-रम्प्ड हनीगाइड (Yellow-rumped Honeyguide) और लॉन्ग-टेल्ड ब्रॉडबिल (Long-tailed Broadbill) भी देखी गईं। येलो-रम्प्ड हनीगाइड एक खास पक्षी है, जो आमतौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में पाया जाता है। वन विभाग के प्रमुख धनंजय मोहन और नेचर साइंस इनिशिएटिव (Nature Science Initiative) के निदेशक रमन कुमार ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और पक्षी संरक्षण के महत्व पर चर्चा की।
महोत्सव में करीब 170 विशेषज्ञ और 450 से अधिक छात्र शामिल हुए, जिन्होंने पक्षी देखने, प्रकृति को समझने और वैज्ञानिक जानकारी प्राप्त करने का अवसर पाया। इस दौरान छात्रों को पक्षी संरक्षण, नागरिक विज्ञान, और पर्यावरण संरक्षण के बारे में बताया गया। इसके साथ ही, हिमालयन क्वेल और फिन्स बाया जैसी प्रजातियों के बारे में भी जानकारी दी गई, जो उत्तराखंड की प्राकृतिक संपत्ति का हिस्सा हैं।
वन मंत्री सुभोध उनियाल ने इस महोत्सव का उद्घाटन किया और इस तरह के आयोजनों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम राज्य के लिए बहुत लाभदायक हैं, क्योंकि ये न केवल पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करते हैं। उन्होंने स्थानीय होटल और होमस्टे संचालकों से अपील की कि वे अपने स्थानों पर बर्ड वॉचिंग को एक खास आकर्षण के रूप में जोड़ें। बेनोग वन्यजीव अभयारण्य में 230 से ज्यादा पक्षी प्रजातियाँ हैं, जो इसे पक्षी प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल बनाती हैं।
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