उत्तराखंड में पंचायत चुनावों का कार्यकाल इस साल समाप्त हो रहा है, लेकिन चुनाव नहीं होंगे और कार्यकाल भी नहीं बढ़ाया जाएगा। हरिद्वार को छोड़कर राज्य के अन्य जिलों में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अगले चुनावों की तारीखें अगले साल की शुरुआत में तय होंगी।
मुख्य बिंदु
Toggleउत्तराखंड से पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर आई है। राज्य में पंचायतों का कार्यकाल 27 नवंबर को खत्म हो रहा है, लेकिन इस साल पंचायत चुनाव नहीं होंगे। साथ ही, पंचायतों का कार्यकाल भी नहीं बढ़ाया जाएगा।
पंचायतों में क्या बदलाव हुए हैं?
सरकार ने पंचायत चुनावों के लिए 12 जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में परिसीमन किया है। इसके बाद ग्राम पंचायतों की संख्या 7,796 से बढ़कर 7,823 हो गई है। ग्राम पंचायत वार्ड की संख्या 59,219 से बढ़कर 59,357 हो गई है, और जिला पंचायत की सीटें 385 से बढ़कर 389 हो गई हैं। हालांकि, ब्लॉक स्तर की पंचायतों की संख्या 3,162 से घटकर 3,157 हो गई है।
इस साल पंचायत चुनाव क्यों नहीं होंगे?
सरकार ने इस साल पंचायत चुनाव न कराने का फैसला लिया है, और पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। लेकिन सरकार चाहें तो पंचायत प्रतिनिधियों को छह महीने के लिए प्रशासक (एडमिनिस्ट्रेटर) बना सकती है।
पंचायत प्रतिनिधियों की मांग क्या है?
पंचायत प्रतिनिधि चाहते हैं कि उनका कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया जाए और हरिद्वार सहित सभी जिलों में 2027 में एक साथ चुनाव कराए जाएं। उनका मानना है कि ऐसा करने से पूरे राज्य में एक समान चुनाव प्रक्रिया हो सकेगी।
चुनाव कब होंगे?
अगले साल फरवरी या मार्च में पंचायत चुनाव होने की संभावना है। मतदाता सूची का पुनरीक्षण जनवरी तक किया जाएगा, जिसके बाद चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी।
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