उत्तराखंड रोडवेज के कर्मचारियों ने 22 अक्टूबर से कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। वेतन नियमितीकरण, नई नियुक्तियों और बसों की खरीद जैसी मांगों को लेकर यह हड़ताल की जा रही है, जिससे राज्य भर में बसों के संचालन पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
मुख्य बिंदु
Toggleउत्तराखंड परिवहन निगम से एक अहम खबर सामने आई है। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने 22 अक्टूबर से कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। इस फैसले के कारण उत्तराखंड में बसों के संचालन पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है। हड़ताल के कारण यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा, खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में, जहां रोडवेज की बसें मुख्य परिवहन साधन हैं।
आंदोलन के मुख्य कारण
इस दो दिन के कार्य बहिष्कार के पीछे मुख्य कारण वेतन नियमितीकरण, नई नियुक्तियां, और बसों की खरीद जैसी मांगें हैं। कर्मचारी लंबे समय से इन मुद्दों पर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। इसके चलते, 22 और 23 अक्टूबर को रोडवेज कर्मचारी दो दिनों तक बसें नहीं चलाएंगे।
यात्रियों पर प्रभाव
इस हड़ताल का सीधा असर बसों के संचालन पर पड़ेगा, खासकर उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में, जहां यात्रियों के पास बसें ही एकमात्र सुलभ विकल्प हैं। हड़ताल के दौरान हजारों यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बसें न केवल उत्तराखंड में, बल्कि बाहरी राज्यों में भी एक प्रमुख परिवहन साधन हैं, जिससे अंतरराज्यीय यात्राएं भी प्रभावित होंगी।
आंदोलन का विस्तार संभव
रोडवेज कर्मचारी मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है। सरकार से वेतन नियमितीकरण, नई बसों की खरीद और कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस वजह से भविष्य में और बड़ी हड़ताल की आशंका है।
निष्कर्ष
यह हड़ताल दिवाली से पहले यात्रियों के लिए कठिनाइयाँ ला सकती है। उत्तराखंड के यात्री विशेष रूप से प्रभावित होंगे, इसलिए यात्रियों को समय रहते वैकल्पिक व्यवस्था करने की सलाह दी जाती है।
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