अर्थराइटिस से राहत पाने के लिए 10 प्रभावी व्यायाम अपनाएं। ये व्यायाम न केवल जोड़ों को स्वस्थ बनाए रखते हैं, बल्कि मांसपेशियों को भी मजबूत करते हैं और दर्द कम करने में मदद करते हैं।
मुख्य बिंदु
Toggleहर साल 12 अक्टूबर को विश्व अर्थराइटिस दिवस मनाया जाता है ताकि अर्थराइटिस जैसी गंभीर समस्या के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। आज दुनिया भर में लाखों लोग अर्थराइटिस के दर्द, सूजन और अकड़न से जूझ रहे हैं। अर्थराइटिस के इलाज के लिए कोई स्थायी समाधान नहीं है, लेकिन नियमित व्यायाम अर्थराइटिस से प्रभावित जोड़ों को मजबूत, लचीला और गतिशील बनाए रखने में मदद कर सकता है। इस लेख में हम आपको 10 ऐसे असरदार व्यायामों से परिचित कराएंगे जो जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
1. तैराकी (Swimming)
तैराकी एक सम्पूर्ण-शरीर व्यायाम है, जो जोड़ों पर बिना दबाव डाले उन्हें सक्रिय बनाए रखता है। पानी की उछाल जोड़ों को सहारा देती है, जिससे अर्थराइटिस के मरीज आसानी से तैर सकते हैं। तैराकी से लचक में सुधार होता है, मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और दर्द में कमी आती है।
2. पिलाटे (Pilates)
पिलाटे नियंत्रित गतियों पर ध्यान केंद्रित करता है और मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति को बढ़ाता है। पिलाटे जोड़ों पर अधिक दबाव डाले बिना शरीर को मजबूत और संतुलित करता है। यह व्यायाम जोड़ों की लचक में सुधार करता है और अर्थराइटिस के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
3. पैदल चलना (Walking)
यह सबसे आसान व्यायाम है जिसे अर्थराइटिस के मरीज आसानी से कर सकते हैं। रोजाना 30 मिनट की सैर से जोड़ों की लचक बनी रहती है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह जोड़ों पर पड़ने वाले दबाव को कम करता है और धीरे-धीरे दर्द में भी राहत मिलती है।
4. योग (Yoga)
योग का नियमित अभ्यास शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान करता है। अर्थराइटिस के मरीजों के लिए योगासन जैसे वीरभद्रासन (Warrior Pose) और त्रिकोणासन (Triangle Pose) फायदेमंद होते हैं। ये आसन मांसपेशियों को मजबूत करते हैं, जोड़ों को लचीला बनाते हैं और दर्द में राहत दिलाते हैं।
5. साइकिलिंग (Cycling)
साइकिलिंग, खासकर स्थिर साइकिल पर, जोड़ों की गतिशीलता में सुधार लाता है। यह मांसपेशियों को सक्रिय करता है और रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे जोड़ों की अकड़न कम होती है।
6. ताई ची (Tai Chi)
ताई ची धीमी और नियंत्रित गतियों के साथ किया जाने वाला व्यायाम है। यह अर्थराइटिस के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है, क्योंकि यह न केवल मांसपेशियों की ताकत बढ़ाता है बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करता है। ताई ची से जोड़ों पर दबाव कम होता है और लचक में सुधार होता है।
7. जल एरोबिक्स (Water Aerobics)
पानी में व्यायाम करना अर्थराइटिस के मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। जल एरोबिक्स से मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जोड़ों पर दबाव कम होता है और दर्द में कमी आती है। पानी में व्यायाम करना जोड़ों की लचक को बनाए रखने में मदद करता है।
8. हाथों और उंगलियों का व्यायाम (Hand and Finger Exercises)
अर्थराइटिस अक्सर हाथों और उंगलियों को प्रभावित करता है, जिससे उनकी गतिशीलता में दिक्कत होती है। उंगलियों को नियमित रूप से मोड़ना, खींचना और घुमाने से उंगलियों की लचक और ताकत बढ़ती है। यह अभ्यास दैनिक कामकाज में भी मदद करता है।
9. सीढ़ियाँ चढ़ना (Stair Climbing)
सीढ़ियाँ चढ़ना एक और प्रभावी व्यायाम है जो जोड़ों की लचक और मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाता है। धीरे-धीरे सीढ़ियाँ चढ़ने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और जोड़ों पर दबाव कम होता है। यह व्यायाम खासकर घुटनों और कूल्हों के लिए फायदेमंद है।
10. स्ट्रेचिंग (Stretching)
स्ट्रेचिंग मांसपेशियों और जोड़ों की लचक बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। रोजाना थोड़ी देर स्ट्रेचिंग करने से अकड़न कम होती है और रक्त प्रवाह बेहतर होता है। साधारण स्ट्रेचिंग अभ्यास, जैसे कंधों को घुमाना या पैरों की उंगलियों को छूना, अर्थराइटिस के दर्द से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
निष्कर्ष
अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में होने वाले दर्द को कम करने के लिए इन 10 असरदार व्यायामों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यह न केवल जोड़ों की लचक में सुधार करेगा, बल्कि मांसपेशियों को भी मजबूत बनाएगा और दर्द में राहत देगा। हमेशा नए व्यायाम को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
अस्वीकरण:
यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से दी गई है और इसे चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी नई एक्सरसाइज योजना को शुरू करने से पहले एक विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
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