भारत और बांग्लादेश के बीच चल रही टेस्ट सीरीज के पहले मैच में रविचंद्रन अश्विन ने कमाल कर दिया। चेन्नई में खेले जा रहे इस मैच में उन्होंने न केवल शतक लगाया, बल्कि टेस्ट क्रिकेट में एक अनोखा वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना दिया। यह उनके करियर का छठा शतक है और उन्होंने गेंदबाजी में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड कायम किया है। जानिए कैसे अश्विन ने टेस्ट इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज किया।
भारत और बांग्लादेश के बीच चल रही टेस्ट सीरीज का पहला मैच चेन्नई में खेला जा रहा है, और इस मुकाबले में भारतीय ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने इतिहास रच दिया है। पहले दिन ही अश्विन ने शानदार शतक जड़ते हुए अपने टेस्ट करियर का छठा शतक पूरा किया। इस अद्वितीय प्रदर्शन के साथ उन्होंने एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी स्थापित किया है। अश्विन टेस्ट इतिहास में पहले ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने ऑलराउंडर के तौर पर 6 शतक और 16 अर्धशतक बनाए हैं। इसके साथ ही गेंदबाजी में भी वे 30 से अधिक मौकों पर एक पारी में पांच विकेट लेने का कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं।
अश्विन का यह 101वां टेस्ट मैच है, और उन्होंने अब तक अपने करियर में 3400 से ज्यादा रन बनाए हैं। इनमें 6 शतक और 14 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी गेंदबाजी भी उतनी ही प्रभावशाली रही है, जहाँ उन्होंने 36 से ज्यादा बार एक पारी में पांच या उससे अधिक विकेट लिए हैं। यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पड़ाव है, जो उन्हें दुनिया के सबसे सफल ऑलराउंडरों में से एक बनाता है।
चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में अश्विन का रिकॉर्ड बहुत ही प्रभावशाली रहा है। इस घरेलू मैदान पर उन्होंने 7 पारियों में 331 रन बनाए हैं, जिसमें उनका औसत 55 से ज्यादा का रहा है। गेंदबाजी में भी उन्होंने 30 से अधिक विकेट हासिल किए हैं, जो उनके प्रदर्शन की गहराई को दर्शाता है।
रविचंद्रन अश्विन ने निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए भी शानदार प्रदर्शन किया है। आठवें या उससे निचले क्रम पर खेलते हुए उन्होंने 4 शतक बनाए हैं, जो एक खास उपलब्धि है। इससे पहले इस पायदान पर सबसे ज्यादा शतक लगाने का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के डेनियल विटोरी के नाम था, जिन्होंने 5 शतक बनाए थे। अश्विन इस रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब पहुंच चुके हैं और आने वाले मैचों में इसे पार कर सकते हैं।
अश्विन का यह प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। उनकी इस उपलब्धि से टीम इंडिया को न केवल आत्मविश्वास मिला है बल्कि उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में एक विशेष स्थान दिलाया है। अश्विन की निरंतरता और उनके खेल का उच्च स्तर दर्शाता है कि वे आने वाले समय में भी भारतीय क्रिकेट को और ऊंचाइयों पर ले जाने में सक्षम हैं।
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