उत्तराखंड में देहरादून से काठगोदाम जा रही नैनी-दून जनशताब्दी ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश नाकाम हो गई। कुछ अपराधियों ने रेलवे ट्रैक पर लोहे का पोल रख दिया था, लेकिन लोको पायलट की सतर्कता से ट्रेन समय रहते रोक दी गई और यात्रियों की जान बच गई।
उत्तराखंड में एक बड़ा हादसा टल गया जब देहरादून से काठगोदाम की ओर जा रही नैनी-दून जनशताब्दी ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की गई। घटना बुधवार रात की है, जब कुछ अज्ञात अपराधियों ने उत्तर प्रदेश सीमा के पास बिलासपुर क्षेत्र में रेलवे ट्रैक पर लोहे का पोल रख दिया। ट्रेन जैसे ही उस क्षेत्र के होम सिग्नल के पास पहुंची, लोको पायलट ने ट्रैक पर कुछ संदिग्ध वस्तु देखी और तत्परता दिखाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए।
इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बाद ट्रेन रुक गई और यात्रियों की जान बच गई। लोको पायलट ने ट्रैक की जांच की और पाया कि ट्रैक पर लोहे का पोल रखा हुआ था, जिसे तुरंत हटाने के लिए रेलवे अधिकारियों को सूचित किया गया। कुछ ही देर में रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे और ट्रैक से पोल को हटाया। इसके बाद करीब 20 मिनट की देरी से ट्रेन को फिर से रवाना कर दिया गया।
रेलवे प्रशासन ने अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि टीमों का गठन कर अपराधियों की खोज शुरू की गई है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि लोको पायलट की सतर्कता और समझदारी से बड़े हादसे टल सकते हैं। यह घटना एक सबक भी है कि कैसे आपात स्थितियों में त्वरित और सही निर्णय यात्रियों की जान बचा सकता है। रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा के और सख्त कदम उठाने की भी बात कही है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
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